- गुरू चरनों मे अरदास करने से हर मुश्किल से मुश्किल कार्य होता है हल
- सरबत के भले के लिए 10 दिवसीय सिमरनजाप मांडी में ।
लाडवा (कैलाश गोयल).
उदासीन ब्रह्म अखाड़ा मांडी साहिब के संस्थापक एवं संचालक संत बाबा गुरविंदर सिंह माँडी ने कहा कि हर सांसारिक प्राणी को प्रभु का सिमरन करना चाहिए।सिमरनजाप ही प्रभु से जुडंने का सशक्त माध्यम है।उन्होंने कहा कि श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया में सरबत के भले के लिए ब्रह्म अखाड़ा माँडी साहिब मे गत 16 फ़रवरी से 25 फरवरी तक 10 दिवसीय सिमरनजाप का आयोजन किया जा रहा है ।
संत माँडी बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि संसार का मुश्किल से मुश्किल कार्य सिमरनजाप व गुरू चरनों में अरदास कर के किया जाए, तो उस मे अवश्य सफलता मिलती है। सिमरन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए संत मांडी जी ने कहा कि जिस तरह पक्षी एक पंख से उड़ान नहीं भर सकता । ठीक उसी प्रकार से सेवा और सिमरन के बिना मानव जीवन अधूरा है और मानव के मन की मैल भी इस के बिना नहीं धोई जा सकती।उन्होंने कहा कि परमपिता परमात्मा की कृपा हासिल करने के लिए सेवा और सिमरन ज़रूरी है।सिमरन से ही क्रोध को भी समाप्त किया जा सकता है।उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को नितनेम व सिमरन से जोड़ने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि 26 फ़रवरी को सिमरनजाप का भोग डाला जाए गा उपरांत 10 से 3 बजे तक महान गुरमति समागम का आयोजन किया जाएगा,
जिस में स्वयं संत मांडी जी गुरूजस कीर्तन कर संगतों पर गुरबाणी की अमृत वर्षा करेंगे। उन्होंने संगतों से अपील करते हुए कहा कि वे सिमरनजाप में अधिक से अधिक संख्या में पहुँच कर पुण्य के भागीदार बने।इस अवसर पर जत्थेदार कुलदीप सिंह,जत्थेदार जितेंद्र सिंह बग्गा, भाई संदीप सिंह, जसविंदर सिंह उदासीन , गुलाब सिह सहित अनेको सेवादार मौजूद रहे।